સમાચાર WhatsApp પર મેળવવા માટે જોડાવ Join Now

भारत की एक प्रसिद्ध नदी जो उलटी बहती है?



दोस्तों प्रकृति में इतनी रोमांचक और हैरान कर देने वाली चीजें मौजूद है कि उन्हें देखकर हैरत और आनंद की अनुभूति होती है। आज हम आपको एक ऐसी ही नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जो उल्टी दिशा में बहती है। दोस्तों क्या है इस नदी के पीछे की कहानी यह भी हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। 

दोस्तों नर्मदा नदी को लेकर एक अजीबोगरीब तथ्य मौजूद हैं। भारत की अधिकांश नदियां एक ही दिशा में बहती है यानी पश्चिम से पूर्व की ओर।  लेकिन नर्मदा नदी का बहाव हमेशा पूर्व से पश्चिम की ओर होता है यानी नर्मदा नदी उल्टी बहने वाली नदी है।  गंगा सहित अन्य नदियां जहां बंगाल की खाड़ी में गिरती है वही नर्मदा नदी बंगाल की खाड़ी के विपरीत अरब सागर में जाकर विलीन होती है।

इस नदीके बारेमे जानकारी


इसकी लंबाई की बात करें तो यह 1312 किलोमीटर तक फैली हुई है। पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली नर्मदा मध्य प्रदेश और गुजरात की प्रमुख नदी है। नर्मदा नदी को भी गंगा के समान ही पवित्र माना जाता है।  यह नदी में काल पर्वत के अमरकंटक शिखर से निकलती है। और इसके उद्भव स्थल से लेकर इसके संगम स्थल तक 10 करोड़ तीर्थ स्थल है। नर्मदा नदी के उल्टा बहने का भौगोलिक कारण इसका रिफ्ट वेली  में होना है।

पौराणिक मान्यता क्या है?


लेकिन पुराणों में इससे जुड़ी कई कहानियां भी बताई गई है। नर्मदा की जन्म से जुड़ी एक कहानी प्रचलित है कि भगवान शिव के पसीने से नर्मदा उत्पन्न हुई थी और नर्मदा ने प्रगट होते ही ऐसी चमत्कारी लीलाए की जिन्हे देख कर शिव और पार्वती भी चकित हो गए और उसे नर्मदा नाम दिया।  जिसका अर्थ होता है सुख देने। वाली इस नदी का एक अन्य नाम रेवा भी है।


नर्मदा नदीको लेकर प्रसिद्ध कहानी


`नर्मदा नदी के उल्टा बहने से जुड़ी एक कहानी प्रचलित है। बता दें कि नर्मदा राजा मैंखल की पुत्री थी। जब नर्मदा शादी के लायक हुई तो राजा मैंखल ने घोषणा कर दी की जो राजकुमार गुलबकावली फल लाएगा वे उसे अपनी पुत्री का विवाह कर देंगे। इस लोक कथा के अनुसार सोनभद्र गुलबकावली का फूल ले आए जिसके बाद राजा मैंखल ने नर्मदा का विवाह सोनभद्र से तय कर दिया। नर्मदा ने सोनभद्र को कभी देखा नहीं था। लिहाजा उन्हें देखने की इच्छा से नर्मदा ने अपनी दासी जोहिला के हाथों उन्हें एक पत्र भेजा। जोहिला न जाने से पहले नर्मदा से उनके कपड़े और आभूषण मांगे। वही कपड़े और गहने पहनकर सोनभद्र से मिलने चली गई। सोनभद्र ने जोहिला को ही राजकुमारी समझ लिया और उसके सामने प्रेम प्रस्ताव रख दिया। जोहिला की भी नियत डगमगा गई और उसने सोनभद्र का निवेदन स्वीकार कर लिया। काफी दिन तक जोहिला के ना लौटने पर नर्मदा चिंतित हो गई और खुद ही सोनभद्र से मिलने चली गई। वहां जाकर उन्होंने जोहिला और सोनभद्र को एक साथ पाया। इस छलसे क्रोधित होकर वह उल्टी दिशा में चलने लगी और उल्टा चलते चलते वह बंगाल की खाड़ी के बजाय अरब सागर में जाकर विलीन हो गई। तब से नर्मदा नदी उल्टी ही बह रही है। भौगोलिक स्थिति को देखने पर पता चलता है कि नर्मदा नदी एक विशेष स्थल पर सोनभद्र नदी से अलग होती है।

नर्मदा नदी का उदगम स्थल देखने के लिए:- Click Here


दोस्तों उम्मीद है आपको यह कहानी अच्छी लगी होगी ,अगर अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों को भी  शेयर करें और साथ ही हमारे वेबसाइट की मुलाकात लेते रहे। 

(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) Share
વોટ્સએપ ગ્રુપમાં જોડાવો Join Now
Telegram Group Join Now
Now

Post a Comment

Previous Post Next Post