क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म के सबसे पवित्र महीनों में से एक, श्रावण मास 2025, कब शुरू होने जा रहा है? करोड़ों भक्त जिसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वह देवाधिदेव महादेव को समर्पित यह मास श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। इस वर्ष श्रावण माह 2025 में कितने श्रावण सोमवार आएँगे और उनका महत्व क्या है, यह जानने के लिए आप उत्सुक होंगे। किस तारीख से श्रावण का प्रारंभ होगा और शिव भक्ति का यह महापर्व कब समाप्त होगा? चलिए, इन सभी प्रश्नों के उत्तर और शिव पूजा के लिए सम्पूर्ण जानकारी इस ब्लॉग पोस्ट में विस्तार से प्राप्त करते हैं।
श्रावण मास 2025 कब शुरू होगा?
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास 2025 सामान्यतः जुलाई या अगस्त महीने में आता है। 2025 में, हिंदी कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास का प्रारंभ 25 जुलाई, 2025, शुक्रवार से होगा। इस दिन से भगवान शिव की भक्ति का अवर्णनीय माहौल बनेगा। श्रावण मास की समाप्ति 23 अगस्त, 2025, शनिवार को होगी। यह समयावधि भगवान शिव की कृपा पाने और मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
श्रावण सोमवार 2025: कितने आएँगे?
श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। जो भक्त श्रावण सोमवार के व्रत रखते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। 2025 के श्रावण मास में कुल 4 श्रावण सोमवार आएँगे। ये चारों सोमवार भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
- पहला श्रावण सोमवार: 28 जुलाई, 2025
- दूसरा श्रावण सोमवार: 04 अगस्त, 2025
- तीसरा श्रावण सोमवार: 11 अगस्त, 2025
- चौथा श्रावण सोमवार: 18 अगस्त, 2025
इन प्रत्येक श्रावण सोमवार पर शिवलिंग पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने का विशेष महत्व है।
श्रावण मास का महत्व और इसकी पौराणिक कथाएँ
श्रावण मास का महत्व हिंदू धर्म में अपार है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं और भक्तों की प्रार्थना शीघ्र सुनते हैं। श्रावण मास से कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं।
- समुद्र मंथन: सबसे प्रचलित कथा समुद्र मंथन की है। देवताओं और दानवों द्वारा समुद्र मंथन किया गया तो उसमें से 'हलाहला' नामक विष निकला था। इस विष की भयानकता से बचाने के लिए भगवान शिव ने वह विष का पान किया और उसे अपने कंठ में धारण किया। इससे उनका कंठ नीला हो गया और वे 'नीलकंठ' कहलाए। यह घटना श्रावण मास में हुई थी, इसलिए यह मास शिव को अत्यंत प्रिय है।
- माता पार्वती की तपस्या: ऐसी भी मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए श्रावण मास में कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें वरदान दिया और इसलिए श्रावण मास में कुंवारियाँ अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं।
- कांवड़ यात्रा: श्रावण मास में कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व है। भक्त दूर-दूर से गंगाजल भरकर शिव मंदिरों में चढ़ाने जाते हैं। यह यात्रा शिव के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।
श्रावण मास 2025: इन राशियों पर बरसेगी महादेव की विशेष कृपा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्रावण मास में ग्रहों की स्थिति और शिव जी की विशेष ऊर्जा कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी होती है। इस वर्ष श्रावण 2025 में कुछ भाग्यशाली राशियाँ ऐसी हैं, जिन पर महादेव की असीम कृपा बरस सकती है। यह समय उनके लिए करियर, धन, स्वास्थ्य और रिश्तों में सकारात्मक बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। यदि आपकी राशि इनमें से एक है, तो श्रावण मास के दौरान शिव पूजा और व्रत का पालन आपके लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगा।
- मेष (Aries): मेष राशि के जातकों को इस श्रावण मास में करियर में नई ऊँचाईयाँ मिल सकती हैं। लंबित कार्य पूरे होंगे और आर्थिक लाभ के योग बनेंगे।
- सिंह (Leo): सिंह राशि वालों के लिए यह माह आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि लेकर आएगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
- वृश्चिक (Scorpio): वृश्चिक राशि के लोग इस अवधि में आध्यात्मिक उन्नति महसूस करेंगे। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और गुप्त धन लाभ के अवसर मिल सकते हैं।
- मकर (Capricorn): मकर राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा और मानसिक शांति का अनुभव होगा।
- कुंभ (Aquarius): कुंभ राशि के लिए श्रावण मास धन लाभ और व्यापार में वृद्धि के योग बना रहा है। नए अवसर प्राप्त होंगे और रुके हुए काम बनेंगे।
यह सामान्य ज्योतिषीय अवलोकन है। अपनी व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार सटीक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेना उचित रहेगा। श्रावण मास ज्योतिष के अनुसार, इन राशियों के लोग शिव आराधना से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
श्रावण मास में शिव पूजा विधि और उपाय
श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। यहाँ शिव पूजा विधि और कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
पूजा सामग्री:
- जल (गंगाजल हो तो उत्तम)
- बेलपत्र
- धतूरा
- आक
- दूध
- दही
- घी
- शहद
- शक्कर
- चंदन
- अबीर-गुलाल
- भस्म
- भांग
- फूल (विशेषकर सफेद फूल)
- दीपक और धूप
- प्रसाद (मौसमी फल, मिठाई)
पूजा विधि:
- प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को स्वच्छ करें और भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें।
- शिवलिंग पर जलाभिषेक या दुग्धाभिषेक करें।
- इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, आक, चंदन, पुष्प आदि अर्पित करें।
- "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी बहुत फलदायी है।
- धूप-दीप प्रज्वलित कर आरती करें।
- भगवान को प्रसाद अर्पित करें और सभी को वितरित करें।
- श्रावण सोमवार का व्रत रखने वाले भक्तों को दिन में एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए।
श्रावण मास में करने योग्य और न करने योग्य कार्य
श्रावण मास पवित्रता और संयम का महीना है। इस मास में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
करने योग्य कार्य:
- भगवान शिव की पूजा और ध्यान करना।
- प्रतिदिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करना।
- महामृत्युंजय मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करना।
- धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना।
- सात्विक भोजन करना।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना।
- गौ सेवा करना।
न करने योग्य कार्य:
- मांसाहार और मदिरा का सेवन टालना।
- लहसुन और प्याज का सेवन न करना।
- बाल न कटवाना।
- शरीर पर तेल न लगाना।
- वाद-विवाद से दूर रहना।
- पेड़ों को नुकसान न पहुँचाना।
श्रावण मास 2025 और हिंदी कैलेंडर
हिंदी कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास का बहुत महत्व है। उत्तर भारत में इस महीने के दौरान कई शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, और सोमनाथ जैसे ज्योतिर्लिंगों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। हिंदुओं के लिए श्रावण मास भक्ति, त्याग और आस्था का एक अनूठा संगम है। कई परिवार इस मास में व्रत और उपवास करके भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह महीना आध्यात्मिक उत्थान और मन की शांति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। Quick discover के लिए, श्रावण मास से जुड़ी कथाओं और महत्व को जानना आवश्यक है।
आशा है कि यह ब्लॉग पोस्ट आपको श्रावण मास 2025, इसके महत्व, श्रावण सोमवार की तिथियाँ, भाग्यशाली राशियाँ और पूजा विधि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेगी। भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें, ऐसी प्रार्थना है। "हर हर महादेव!"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
श्रावण मास 2025 25 जुलाई, 2025, शुक्रवार से शुरू होगा।
श्रावण 2025 में कुल 4 श्रावण सोमवार आएँगे।
28 जुलाई, 04 अगस्त, 11 अगस्त और 18 अगस्त, 2025.
श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस मास में शिव भक्ति करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
"ओम नमः शिवाय" और "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
नहीं, श्रावण मास में मांसाहार और लहसुन-प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन टालना चाहिए।
हिंदी कैलेंडर में श्रावण मास भक्ति और त्याग का महीना है। इस समयावधि के दौरान कई मंदिरों में विशेष पूजा और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, और लोग व्रत-उपवास रखते हैं। Quick discover के लिए यह समय आध्यात्मिक गतिविधियों से परिपूर्ण रहता है।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मेष, सिंह, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशियों पर इस श्रावण मास में महादेव की विशेष कृपा बरस सकती है।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें)
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