भारत में अगर हेल्थ की बात आती है तो सबकी सांसें फूलने लगती हैं। खासकर एक आम आदमी की। प्राइवेट अस्पताल में एक आम आदमी के लिए इलाज कराना बहुत महंगा है। इसके लिए हेल्थ इंश्योरेंस कराते हैं लेकिन इंश्योरेंस के लिए भी कई झमेले हैं और इनमें कोई आदमी फंसना नहीं चाहता।
इसलिए इंश्योरेंस कराने से पहले 10 बार सोचता है। तहकीकात करता है। बिलिंग की डिटेल्स और सारे नियम कायदे और टर्म्स एंड कंडीशंस को पढ़ता है। तभी इंश्योरेंस कराता है।
हेल्थ की बात आती है तो भारत इस सेक्टर में अभी बहुत पीछे है। ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी इंडेक्स 2021 के मुताबिक इंडिया 195 देशों में 66वें नंबर पर है। राजनीतिक दलों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता तक यह बात मानते हैं कि भारत को हेल्थ सेक्टर में अभी और काम करने की जरूरत है। इस बीच देश के लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कूद रही है। जानकार इसे हेल्थ सेक्टर का टर्निंग पॉइंट बता रहे हैं। एलआईसी वैसे तो जीवन बीमा के लिए जानी जाती है लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि इस कंपनी में करोड़ों भारतीयों का भरोसा है।
भारत में आम हो या खास एलआईसी बीमा हर किसी के घर में दिखी जाता है। एक रिपोर्ट की माने तो इंडिया का हेल्थ सेक्टर बाजार ₹1 लाख करोड़ रए का है और आने वाले साल में इसके बढ़ने की पूरी संभावना है।
देश के हर राज्यों में एम्स जैसे हॉस्पिटल की रूप रेखा तैयार हो रही है। प्राइवेट हॉस्पिटल हर शहर में लगातार बढ़ रहे हैं इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि एलआईसी के इस मार्केट में आने के बाद वोह लोग भी हेल्थ इंश्योरेंस करवा सकते हैं जो यह मानते हैं कि इंश्योरेंस कंपनियां तो ठग हैं या आंकड़ों में उलझा कर रख देती हैं। एलआईसी पर पहले से भारतीय लोगों का भरोसा है और यह स्वाभाविक है कि जिन लोगों ने एलआईसी का जीवन बीमा करवाया हुआ है वह हेल्थ इंश्योरेंस भी एलआईसी में ही करवाना चाहेंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में साल 2022 से 23 के अंत तक 2.3 करोड़ से भी कम हेल्थ बीमा जारी हुए। जिसके अंतर्गत 55 करोड़ लोगों का बीमा कवर हो रखा है। इस वितीय वर्ष में एलआईसी को 13000 करोड़ से ज्यादा नेट प्रॉफिट हुआ है। निवेश से एलआईसी की शुद्ध आए साल दर साल 24.43 प्रतिशत बढ़कर फाइनेंशियल ईयर 2024 में 84000 करोड़ हो गई है और फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए नेट प्रॉफिट 40000 करोड़ है जबकि फाइनेंशियल ईयर 2023 में 36000 करोड़ नेट प्रॉफिट था। ऐसे में एलआईसी एक बड़े सेक्टर में अपना धाग जमाने को तैयार है।
LIC के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि नई सरकार के द्वारा हमें लाइसेंस दे दिया जाएगा। हमने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है। भारत में हेल्थ सेक्टर का गणित कॉरपोरेट इंडिया की स्वास्थ्य रिपोर्ट 2023 के मुताबिक भारत में मेडिकल महंगाई दर 14 फीसेदी तक पहुंच गई है। जाहिर है कि यह साल 2024 है और आज की तारीख में बड़ी ही होगी। आम जनता पर मेडिकल खर्चों का बोझ बढ़ रहा है। देश में 59 फीदी लोग अपना सालाना हेल्थ चेकअप नहीं करवाते हैं। जबकि 90 फीदी लोग तो सेहत पर ध्यान ही नहीं देते हैं। एलआईसी का हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में आना इसलिए भी हम है क्योंकि देश में 37 फीदी लोगों के पास कोई स्वास्थ्य बीमा ही नहीं है। पॉलिसी बाजार के एक डाटा के माने तो साल 2018 में संक्रामक बीमारियों के लिए इंश्योरेंस क्लेम 24000 करोड़ था जो साल 2022 में 64000 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया। इन आंकड़ों से पीछा छुड़ाने से मुमकिन है कि एलआईसी का हेल्थ इंश्योरेंस कारगर साबित हो।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) Share
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