भारत एक आस्था का देश। जहां पर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी निवास करती है। यहां पर लोग सुबह से लेकर शाम तक ईश्वर की पूजा अर्चना करते हैं।
आप कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी या पूरब से लेकर पश्चिम तक कहीं भी चले जाएं। आपको कोई ना कोई मंदिर देखने को मिल जाएगा।
आज आपको बताएंगे कि देश में बने अलग-अलग खल नायकों के मंदिरों के बारे में विस्तार से।
इसमें पहला नाम शकुनी मंदिर का आता है जो केरल के को जिले में स्थित है। यहां शकुनी की पूजा की जाती है। हालांकि आमतौर पर शकुनी की तुलना एक आग में घी डालने वालों में की जाती है।
इस लिस्ट में दूसरा नाम गांधारी मंदिर का आता है। जो मैसूर में स्थित है। कौरवों की मां गांधारी को पांडवों के खिलाफ होने के कारण एक नकारात्मक चरित्र के रूप में देखा जाता है। विवाह के बाद जीवन भर अंधी बने रहने का उनका फैसला वफादारी के तौर पर देखा जाता है। गांधारी का मंदिर मैसूर में करीब ढाई करोड़ की लागत से 2008 में बनवाया गया था।
वही इस लिस्ट में अगला नाम दुर्योधन मंदिर का आता है। केरल के पोरुवाज़ी पेरुविरुति मालनादा मंदिर दुर्योधन को समर्पित है। यह शकुनी मंदिर के पास ही मौजूद है। बता दें कि इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है बल्कि केवल एक चबूतरा है। देवता को ताड़ी के अलावा सुपारी, मुर्गा और लाल क कपड़ा चढ़ाया जाता है।
वही लिस्ट में आखिरी नाम कर्ण मंदिर आता है। जो उत्तर काशी में स्थित है। उत्तर काशी में पांडवों के दुश्मन कण का मंदिर है। वैसे तो इन्हें दानवीर के नाम से भी जाना जाता है लेकिन कौरवों की ओर से लड़ते हुए उन्होंने बुराई का साथ दिया। इसलिए वह भी खलनायक माने जाते हैं।
यहां मनोकामना पूरी होने पर मंदिर की दीवारों पर सिक्के फेंके जाते हैं।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) RRR
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