Summer (गर्मियां) आते ही ज्यादातर लोग खाने को पचाने के लिए Buttermilk (छाश) या Lassi (लस्सी) पीते हैं। कई घरों में इसे लंच और डिनर के बाद खाते हैं। यह पाचन तंत्र को लाभ पहुंचाता है और शरीर के स्वास्थ्य और मनोदशा में भी सुधार करता है। Chaas (छाश) में मसाले के साथ-साथ Salt (नमक), Mint Chutney (पुदीने की चटनी) और Sanchal (सांचल) या साडू नमक आदि भी मिलाया जाता है। लेकिन कुछ आहार विशेषज्ञ छाश में नमक डालने से मना करते हैं। क्योंकि छाश में नमक मिलाकर पीने से पेट की ज्यादा समस्या हो सकती है और यह सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकती है। इसलिए छाश में नमक नहीं डालना चाहिए।
ज्यादातर लोग लंच और डिनर में छाश पीना पसंद करते हैं। गर्मी के मौसम में छाश की मांग काफी बढ़ जाती है, क्योंकि यह गर्मी से राहत दिलाने का काम करती है। पाचन तंत्र को क्रियाशील रखने के लिए आंत में खरबों बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। रात को सोते समय ये बैक्टीरिया ऐसे रसायन पैदा करते हैं जो पेट में एसिड बनने से रोकते हैं।
छाश पीने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है और शरीर को ऊर्जा भी मिलती है। इसमें कोई शक नहीं है कि छाश कई फायदों से भरी होती है। हालांकि कुछ लोग इसे पीते समय गलती कर बैठते हैं और वह गलती होती है नमक मिलाने की। कई लोग छाश का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें नमक मिलाकर पीते हैं। छाश में नमक मिलाने से पेट में अच्छे बैक्टीरिया पर हमला होता है और पेट की और भी समस्याएं हो सकती हैं।
छाश में नमक मिलाने से सबसे ज्यादा बुरा असर पेट पर पड़ता है। अगर आप छाश में नमक मिलाकर पीते हैं तो आपका पेट फूल सकता है और आपको भरा हुआ महसूस हो सकता है। यही कारण है कि सादा छाश पीने की कोशिश करनी चाहिए। छाश में नमक मिलाने से प्रोबायोटिक्स की गतिविधि और प्रभाव कमजोर हो जाता है। जिससे पेट के अच्छे बैक्टीरिया मरने लगते हैं।
आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ किरण कुकरेजा का कहना है कि छाश में नमक मिलाकर पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। दरअसल नमकीन छाश पेट पर बुरा असर डालती है। उनके अनुसार, दही आमतौर पर प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है। जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही के अलावा छाश और इससे बनी लस्सी में भी यह गुण पाया जाता है।
हालांकि, जब छाश में नमक मिलाया जाता है, तो यह Probiotics (प्रोबायोटिक्स) की गतिविधि और प्रभावशीलता को कम कर देता है। इसलिए छाश में नमक मिलाकर सेवन करने से शरीर को ज्यादा फायदा नहीं होता है। White Salt (सफेद नमक) या Sea Salt (समुद्री नमक) को कम मात्रा में मिलाने से छाश में बैक्टीरिया धीरे-धीरे सिकुड़ते हैं और मर भी जाते हैं। इसी वजह से नमक वाली छाश पीने से भी शरीर में पानी का स्तर बनाए रखना मुश्किल हो जाता है और डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है।
छाश पीने का सही तरीका क्या है?
छाश पीने के सही तरीके में सबसे पहली जरूरी चीज यह है कि छाश कितनी ठंडी होनी चाहिए। ठंडी छाश पीने से ठंडक ज्यादा लगती है और पीने में मजा नहीं आता। आमतौर पर छाश को ठंडा होने दें, लेकिन अगर गर्मी में छाश ज्यादा ठंडी हो तो उसे धीरे-धीरे ठंडा करें। इसके अलावा छाश के साथ कच्ची सब्जियां, सलाद, फल जैसे कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करना अच्छा होता है। छाश के साथ यह भोजन पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है और लीवर के लिए फायदेमंद होता है। छाश को धीरे-धीरे पीते समय जल्दबाजी न करें। यह भोजन को पचाने में लगने वाले समय को कम करता है और आपके शरीर को लाभ पहुंचाता है।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) Share
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