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क्या आप भी करते हैं रक्तदान तो जानिए इसके फायदे



जब आप Blood Donation (रक्तदान) करते हैं, तो इससे न केवल उस व्यक्ति को लाभ होता है जिसे आप रक्तदान करते हैं बल्कि दाता को भी लाभ होता है। जानिए रक्तदान करने वाले को Benefits of Blood Donation (रक्तदान के फायदे)

क्या आप भी करते हैं रक्तदान तो जानिए इसके फायदे



रक्तदान को महादान माना जाता है। क्‍योंकि जब आप रक्‍तदान करते हैं तो आप न सिर्फ अपना रक्‍त दे रहे होते हैं बल्‍कि किसी की जान बचा रहे होते हैं। जब रक्त सीधे किसी व्यक्ति को दिया जाता है, तो आप जिस व्यक्ति को रक्तदान कर रहे हैं उसका जीवन बच जाता है। लेकिन जब आप नियमित रूप से रक्तदान करते हैं तो रक्तदाता को लाभ होता है।

हमारे देश में रक्तदान को लेकर कई तरह के जागरूकता अभियान चल रहे हैं, लेकिन फिर भी मरीजों को जरूरत के मुताबिक रक्त नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण केवल गलत धारणाएं हैं, जो रक्तदान को लेकर लोगों में फैली हुई हैं। इसके साथ ही रक्तदान करने से हमारे शरीर को होने वाले फायदों के बारे में जानकारी का अभाव होता है। आइए यहां जानते हैं कि रक्तदान करने वाले व्यक्ति को क्या लाभ होता है।

रक्तदान शरीर को कैसे प्रभावित करता है?

जब कोई व्यक्ति रक्तदान करता है तो उसके शरीर में रक्त की कमी नहीं होती है। क्‍योंकि रक्‍तदान करने से पहले डॉक्‍टर रक्‍तदाता के हीमोग्लोबिन, ब्‍लड यूनिट और ब्‍लड प्रेशर जैसी तमाम चीजों की जांच करते हैं। और जब आप रक्तदान करते हैं तो शरीर को मिलते हैं ये फायदे

आयरन के स्तर को बनाए रखता है

अगर Blood (खून) में आयरन की कमी हो जाए तो शरीर के लिए परेशानी हो जाती है, लेकिन अगर आयरन की मात्रा बढ़ जाए तो व्यक्ति को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। इसके साथ पहली समस्या टिश्यू डैमेज, लिवर डैमेज और शरीर में ऑक्सीडेटिव लाइफ का बढ़ना है। यानी इसके ज्यादातर प्रभाव ऐसे होते हैं, जिनका पता आपको देर से चलता है, जब स्थिति और बिगड़ जाती है। लेकिन जो लोग नियमित रूप से रक्तदान करते हैं उनके शरीर में आयरन का स्तर बना रहता है।

हार्ट अटैक से बचाव

खून में आयरन की मात्रा बढ़ने से भी दिल का दौरा पड़ता है। क्योंकि आयरन के कारण बढ़े हुए टिश्यू ऑक्सीडेशन से रक्त प्रवाह बाधित होता है। इसलिए यदि आप स्वयं स्वस्थ हैं तो आपको अपने हृदय को जीवन भर स्वस्थ रखने के लिए रक्तदान करने पर विचार करना चाहिए।

स्वस्थ लिवर के लिए

रक्तदान लिवर से संबंधित समस्याओं को रोकने में भी मदद करता है। क्‍योंकि खून में आयरन की मात्रा बढ़ने से लिवर के उत्‍तकों को इस हद तक नुकसान पहुंच सकता है कि लिवर के संक्रमण से लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए

हर स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है। आप एक बार में रक्तदान करके 3 से 4 लोगों की जान बचा सकते हैं और यह भावना आपको खुशी महसूस करने में मदद करती है कि आप थोड़ी सी मदद कर रहे हैं। किसी की जान बचाने की खुशी आपको आत्म-संतुष्टि से भर देती है, जो आपके भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है क्योंकि ऐसा करने से आप खुद को ईश्वर से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। यह उस तरह की सकारात्मकता है जो आपके हर काम में झलकती है।

रक्तदान करने के लिए महत्वपूर्ण बाते

डोनर की उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए।
डोनर का वजन 45 किलो से ज्यादा होना चाहिए।
प्रत्येक रक्तदान के बीच कम से कम 3 महीने का अंतर होना चाहिए।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल अनुमानों और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि गुजराती अपडेट किसी भी तरह की वैधता, सूचना का समर्थन नहीं करती है। किसी भी जानकारी या मान्यताओं को लागू करने से पहले, संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें)

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