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दुनिया का सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, जानिए इसके बारे में | The rarest blood group of World, know about it



हम अक्सर यह कहते हुए पाए जाते हैं कि खून का रिश्ता अटूट होता है। खून की बात होती है तो ब्लड ग्रुप की भी बात होती है क्योंकि ये एक ऐसी चीज है जिससे किसी की आइडेंटिटी होती है। किसी की लाइफ बचाई जा सकती है। अमूमन हम इंसानों के शरीर में ए बी ए बी ओ पॉजिटिव और नेगेटिव जैसे आठ तरह के ब्लड ग्रुप पाए जाते हैं। लेकिन एक ऐसा ब्लड ग्रुप भी है जिसके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं।

The rarest blood group of World

कितने लोगोंमें ऐसा ब्लड पाया जाता है?


पूरी दुनिया की आबादी करीब 8 अरब है लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या में ये केवल 45 लोगों के शरीर में पाया जाता है। इस ब्लड ग्रुप का नाम है आरएच नल। यह ब्लड ग्रुप उन लोगों के शरीर में मिलता है जिनका आरएच फैक्टर नल होता है। यह बहुत दुर्लभ ब्लड ग्रुप है इसी वजह से इसे गोल्डन ब्लड ग्रुप भी कहा जाता है। 

गोल्डन ब्लड की खास बात क्या है?


एक रिसर्च के अनुसार साल 2018 में जब पूरी दुनिया में इस खून की तलाश की गई तो पता चला कि सिर्फ दुनिया भर में 45 लोग ही ऐसे हैं जिनके पास एक खास खून है। इनमें से भी महज नौ ही लोग अपना ब्लड डोनेट कर सकते हैं। लेकिन इस ब्लड ग्रुप के बारे में एक खास बात यह भी है कि यह खून किसी को भी चढ़ाया जा सकता है। दरअसल इस ब्लड ग्रुप का खून बाकी किसी भी ब्लड ग्रुप से आसानी से मैच कर जाता है। अगर किसी इमरजेंसी में इस ग्रुप वालों को खून की जरूरत पड़ती है तो परेशानी होती है। इसी वजह से ये दुनिया का सबसे महंगा ब्लड भी है। इस ब्लड ग्रुप की खोज 1960 में हुई थी। इसका असली नाम आरएच नल है। इस ब्लड का नाम गोल्डन ब्लड इसके दुर्लभ होने की वजह से रखा गया है। यह ब्लड ग्रुप केवल उन्हीं लोगों के शरीर में पाया जाता है जिनका आरएच फैक्टर नल होता है। और इस ब्लड ग्रुप के लोग अमेरिका कोलंबिया ब्राजील और जापान में पाए जाते हैं।


आरएच फैक्टर क्या होता है?


अब आपके मन में ये सवाल चल रहा होगा कि आखिर आरएच फैक्टर क्या होता है? तो जान लीजिए कि आरएच फैक्टर लाल रक्त कोशिकाओं यानी रेड ब्लड सेल्स की सतह पर पाए जाने वाला एक खास तरह का प्रोटीन होता है। यह प्रोटीन अगर रेड ब्लड सेल्स यानी आरबीसी में मौजूद है तो ब्लड आरएच पॉजिटिव होगा। लेकिन अगर यही प्रोटीन मौजूद नहीं होगा तो यह ब्लड आरएच नेगेटिव हो जाएगा। लेकिन गोल्डन ब्लड वाले लोगों में आरएच फैक्टर ना ही पॉजिटिव होता है और ना ही नेगेटिव होता है वो हमेशा नल होता है और इसीलिए ये खास भी होता है। 

गोल्डन ब्लड की क्या दिक्कते है?


हालांकि ब्लड ग्रुप की एक दिक्कत है जिन लोगों के शरीर में गोल्डन ब्लड होता है उन्हें एनीमिया की शिकायत हो जाती है। ऐसे में उन्हें आयरन युक्त चीजों का अधिक सेवन करने को कहा जाता है। इनके ब्लड में एंटीजन नहीं होता है। इस ब्लड ग्रुप को इंटरनेशनल लेवल पर ट्रांसपोर्ट करना भी मुश्किल है और इस वजह से एक्टिव डोनर से मिलने वाले ब्लड को जमा करके रखा जाता है। इसे किसी और को नहीं चढ़ाया जाता। यह खून जब जरूरत पड़ती है फिर से उसी शख्स को चढ़ाया जाता है। 

(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें)

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