एक जमाना था जब घर में एसी होना रहीसी और लग्जरी माना जाता था। पूरे घर में दूर अगर एक कमरे में भी एसी लगा हो तो मोहल्ले से लेकर दूर के रिश्तेदारों में भी रोला जमा रहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। एसी अब रहीसी नहीं बल्कि एक जरूरत जैसे हो गया है। सिर्फ एक कमरे में नहीं बल्कि पूरे घर में एसी लगे होते हैं।
आजकल तो बोरिंग वाइट कलर की जगह रंगीन और डिजाइनर एसी भी आने लगे हैं। हवा ठंडी हुई है मगर एक सवाल आज भी पहले जैसा गर्म है। एसी लेना कौन सा चाहिए थ्री स्टार या फाइव स्टार। एक स्टार और दो स्टार की बात इसलिए नहीं क्योंकि वो अब बहुत मुश्किल से देखने को मिलते हैं। आम समझ तो यही कहती है कि जितने ज्यादा स्टार उतनी बिजली की बचत। समझ तो सही है मगर शायद बचत उतनी नहीं जितनी हम सोच रहे हैं। कुछ गुणा गणित हम बता देते हैं फिर आप अपने हिसाब से टेंपरेचर सेट कर लेना।
AC में स्टार कैसे लगते है?
आपके एसी में कौन सा स्टार लगा होगा इसको तय करता है सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो जिसको शॉर्ट में बीईई के नाम से भी जाना जाता है। वो इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन को रेटिंग देने वाला भी काम करता है। पंखे से लेकर एसी और फ्रिज तक के लिए रेटिंग होती है। इन उपकरणों में एक स्टार से लेकर पांच स्टार तक की रेटिंग होती है। यह स्टार बताते हैं कि बिजली का कोई उपकरण ऊर्जा बजत को लेकर कितना दक्ष है।
कैसे काम करती है ये रेटिंग?
स्टार रेटिंग का मतलब क्या होता है? दरअसल यह एनर्जी एफिशिएंसी के फॉर्मूले पर काम करता है। यह एसी में कूलिंग आउटपुट और पावर इनपुट पर तय होता है।
हर एसी पर एक एनर्जी एफिशिएंसी रेशियो लिखा होता है।
- अगर किसी एसी पर 2.7 से 2.9 ईईआर लिखा है तो वो एक स्टार रेटिंग वाला एसी होगा।
- 2.9 से 3.09 होने वाला दो स्टार, 3.1 से 3.29 होने पर 3 स्टार,
- 3.3 से 3.49 होने पर 4 स्टार और
- 3.5 से ऊपर होने पर वो फाइव स्टार रेटिंग का एसी होगा।
1.5 टन का पाच स्टार एसी करीब 1450 वाट पावर इस्तेमाल करता है। वहीं इतने ही टन का थ्री स्टार रेटिंग वाला एसी करीब 1600 वाट।
8 घंटे रोज के हिसाब से भी जोड़े तो मतलब महीने में 240 घंटे बिजली। इस स्थिति में फाइव स्टार एसी में यूनिट की खपत होगी 348 यूनिट्स और थ्री स्टार एसी की यूनिट खपत होगी 384 यूनिट्स।
थ्री स्टार और फाइव स्टार ऐसी में कितना फर्क होता है?
एक लाइन में कहे तो थ्री स्टार क्योंकि वो पहले का फोर स्टार है। जुलाई 2022 से नई रेटिंग लागू हुई और सभी का एक सितारा कम हो गया। इसलिए आज का तीन पहले का चार था। सबसे पहले कीमत का फर्क देख लीजिए एक फाइव स्टार और थ्री स्टार एसी के बीच में गिरते पढते 10000 का फर्क तो होता ही है। 10000 से ज्यादा भी हो तो कोई बड़ी बात नहीं। मतलब पांच सितारों के चक्कर में आप पहले दिन ही 10000 एक्स्ट्रा दे चुके होते हैं।
अब यूनिट में फर्क देख लीजिए।
फाइव और थ्री के बीच सिर्फ 44 यूनिट का अंतर है महीने का। अगर एक यूनिट को ₹5 से भी जोड़ें तो 170 का महीने का। अब माने साल का आठ महीने में भी आप हच के ठंडी हवा ले तो 170 * 60 = 1360 ज्यादा लगेंगे साल भर में थ्री स्टार पर। अब 10000 को 1360 से भाग कर लीजिए तो हम नहीं बता रहे हैं क्योंकि दुखी करने वाला नंबर है। 8 साल लगेंगे वसूली में इसलिए अगर ठंडी हवा का कार्यक्रम 8 घंटे का हो तो तीन स्टार वाला एसी ही सही है। इसका मतलब ये नहीं है कि पांच को हाथ भी लगाना है। लगाना है अगर आप लगातार एसी चला रहे हैं 12 घंटे 18 घंटे या 24 घंटे।
कितने Ton का एयर कंडीशनर खरीदना है?
इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि कमरे के आकार के आधार पर आपको कितने टन का एसी खरीदना चाहिए?
अगर आपके कमरे का आकार 150 वर्ग फीट तक है तो 1 टन का एसी आपके लिए काफी होगा।
150-250 sq ft के room के लिए 1.5 ton AC की जरूरत होगी।
250-400 sq ft के एक room के लिए 2 ton AC की जरूरत होगी.
400-600 sq ft के room के लिए 3 ton AC अच्छा रहेगा।
वहीं, अगर आपके कमरे का आकार 600-800 वर्ग फुट है, तो आपको अच्छी कूलिंग के लिए 4 ton AC की आवश्यकता होगी।
यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि इन्सुलेशन, छत की ऊंचाई और खिड़कियां जैसे कारक भी एक कमरे के लिए आवश्यक शीतलन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में AC खरीदते समय इन बातों पर जरूर ध्यान दें। आप अपने कमरे के कारक के आधार पर विशिष्ट एसी के लिए किसी पेशेवर से परामर्श ले सकते हैं।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) RRR
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