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क्या आपका बच्चा तभी खाता है जब मोबाइल मिले ? गंभीर बीमारी हो सकती है!

ज्यादातर हमने देखा है कि जब कोई बच्चा खाना खा रहा होता है तो उसकी मां उसे मोबाइल फोन थमा देती है। तो वह चुपचाप खाना खाने बैठ जाता है। और खाता है। कई बच्चे मोबाइल फोन न मिलने पर खाना नहीं खाते हैं और खाते समय मोबाइल फोन लेने की आदत डाल लेते हैं।

क्या आपका बच्चा तभी खाता है जब मोबाइल मिले ?



अब बच्चों को दुलारने और खिलाने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। अब माता-पिता के प्यार और लाड़-प्यार की जगह मोबाइल फोन ने ले ली है। माता-पिता को मोबाइल फोन से एक तरह की शांति मिलती है कि अगर वे बिना छेड़खानी के बच्चे को मोबाइल फोन देंगे तो बच्चा उसे खा लेगा। जानिए यह आदत कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।

बच्चे स्मार्टफोन के आदी क्यों होते हैं?

Do your children also not eat food without a mobile phone?



आज के मशीनी जीवन में माता-पिता दोनों कामकाजी हैं। एकल परिवार में अब बच्चे को पहले जैसा प्यार नहीं मिल रहा है। पहले दादा-दादी बच्चों को कहानियां सुनाकर लाड़-प्यार करते थे, अब जमाना बदल गया है। इस प्यार की जगह अब मोबाइल फोन ने ले ली है। बच्चे मोबाइल फोन में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें पता ही नहीं चलता कि हो क्या रहा है!

मोबाइल फोन की लत बच्चों के लिए कैसे खतरनाक साबित हो सकती है?

जैसे बच्चा मूक मुंह से खाता है, उसकी बोलने की क्षमता प्रभावित होती है।
मन में उठने वाले सवालों के जवाब न मिलने से उसकी जिज्ञासा कम हो जाती है।
आंखों से पानी आना, कम दिखना और रूखेपन की समस्या।
कई बार बच्चे मोबाइल फोन देखते हुए ज्यादा खा लेते हैं।
खाना खाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से वे खाने को पहचान नहीं पाते हैं।
मोबाइल में व्यस्त रहने से याददाश्त कमजोर हो जाती है।
मोबाइल पर वीडियो देखने से बच्चे कम एक्सप्रेसिव हो जाते हैं।
बच्चे मोबाइल के आदी हो जाते हैं और उन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
मोबाइल न मिलने पर बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है।

माता-पिता क्यों जिम्मेदार हैं

माता-पिता इतने व्यस्त हो गए हैं कि उस बच्चे का पेट पालना जिम्मेदारी नहीं बल्कि कर्तव्य समझा जाता है। माता-पिता बच्चे को मोबाइल देकर खाना खिलाने और अन्य गतिविधियां करने लगते हैं। मोबाइल पर वीडियो देखने के दौरान मन में उठने वाले कुछ सवालों के जवाब न मिलने से उसकी उत्सुकता दूर हो जाती है। इससे बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित होता है।

आज की पीढ़ी के बच्चों को क्या नहीं मिल रहा है?

आज के बच्चे परिवार के साथ रहने, शेयर करने, बात करना और जल्दी चलना सीखने की कमी महसूस कर रहे हैं। जब बच्चा कहानी सुनने की जिद करता है तो माता-पिता उसे मोबाइल दे देते हैं। ऐसा करने से बालक लोकसाहित्य, नैतिक शिक्षा और गृह ज्ञान से वंचित हो जाता है। बच्चों को लाड़ प्यार नहीं किया जाता है।

बच्चों को मोबाइल फोन से कैसे हटाएं

आपकी दिनचर्या कितनी भी व्यस्त क्यों न हो, बच्चे को खिलाते समय मोबाइल पर निर्भर न रहें। बच्चे को अपने हाथों से खाना खिलाएं।
उनकी जिज्ञासा को जीवित रखने के लिए कहानी सुनाते हुए उन्हें खिलाएं।
बच्चे को खाने की सामग्री के नाम बताएं और यह भी बताएं कि ये क्यों जरूरी हैं।
दिन में कुछ समय बच्चे के साथ बिताएं। इस दौरान माता-पिता को मोबाइल फोन से दूर रहना चाहिए।
बच्चे को नई चीजें सिखाने के लिए गैजेट्स की बजाय किताबों की मदद लें।

(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें)

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