शास्त्रों के अनुसार Turtle (कछुए) को विष्णु के अवतार कच्छप का रूप माना जाता है। इसीलिए हिंदू धर्म में कछुए को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि Turtle Ring (कछुए की अंगूठी) पहनने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति कछुए की अंगूठी पहनता है उसकी किस्मत चमक जाती है। आइए जानते हैं कछुए की अंगूठी पहनने से होने वाले फायदों के बारे में।
Turtle Ring (कछुए की अंगूठी) पहनने के कई फायदे हैं, लेकिन भूलकर भी इन लोगों को इन्हें नहीं पहनना चाहिए।
Turtle Ring Benefits (कछुआ अंगूठी) धारण करने के लाभ
कछुआ अंगूठी धारण करने से व्यक्ति उन्नति करने लगता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। कछुआ अंगूठी पहनने वाले व्यक्ति में आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जिससे उसे हर कदम पर सफलता मिलती है।
कछुए की अंगूठी पहनते समय इन बातों का रखें ध्यान
- कछुए की अंगूठी शुक्रवार के दिन पहनी जाती है। इसे धारण करते समय सबसे पहले इसे गंगाजल से शुद्ध कर लें। अब लक्ष्मीजी के बीज मंत्र का 108 बार जप कर धारण करें।
- कछुए की अंगूठी पहनते समय इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुंह आपकी तरफ होना चाहिए। वहीं अगर कछुए का मुंह बाहर की ओर हो तो इसका अर्थ है धन की हानि।
इस धातु में कछुआ अंगूठी
कछुआ की अंगूठी हमेशा चांदी की धातु में बनवानी चाहिए। एक बार पहनने के बाद इसे बार-बार नहीं उतारना चाहिए।
इसे किस ऊँगली में धारण करना चाहिए?
कछुए की अंगूठी हमेशा बाएं हाथ की मध्यमा या तर्जनी में पहननी चाहिए।
इन लोगों को भूलकर भी कछुआ अंगूठी नहीं पहननी चाहिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को कछुए की अंगूठी धारण करने की सलाह नहीं दी जाती है। कहा जाता है कि ये राशियां जल तत्व से संबंध रखती हैं और अगर ये कछुए की अंगूठी पहनती हैं तो इन्हें ग्रह दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बिना ज्योतिषी की सलाह के कछुआ की अंगूठी न पहनें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। Gujarati Update इसकी पुष्टि नहीं करता है।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें)
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