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एक जूस के हैं हजारों फायदे



आज के आधुनिक युग में खान-पान में बदलाव के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां और कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। किसी को कब्ज है, किसी को त्वचा रोग है, किसी को थैलेसीमिया है, किसी को हीमोग्लोबिन या अन्य समस्याएँ हैं। इतना ही नहीं, कई दवाएं लेने के बाद भी इन बीमारियों से राहत नहीं मिलती है और खर्च बढ़ जाता है, है ना? अगर आप भी इन बीमारियों से जूझ रहे हैं तो आप मेरी बात से सहमत होंगे और आप भी सोच रहे होंगे कि अगर इन सभी समस्याओं का कोई रामबाण इलाज है तो इससे छुटकारा ही मिल जाए तो बहुत अच्छा होगा।

एक जूस के हैं हजारों फायदे


अगर आप भी ऐसा सोच रहे हैं तो आज के आर्टिकल में हम आपके लिए एक ऐसी अक्सिर औषधि लेकर आए हैं जिसके सेवन से आपके शरीर में कभी भी बीमारी नहीं होगी। इस औषधि का नाम है गेहूं का जवारा, आमतौर पर हम जवारा के बारे में जानते हैं जो शादी में कई अनाजों को इकट्ठा करके उगाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गेहूं के चोकर में मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम आदि 100 पोषक तत्व होते हैं। जो आपके शरीर के अम्लीय तत्व को नियंत्रण में रखता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी होती है जो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में बहुत उपयोगी है।इसके अलावा इसमें शरीर के लिए आवश्यक लगभग 100 प्राकृतिक तत्वों में से 8 तत्व शामिल होते हैं।


इतना ही नहीं गेहूं की भूसी में प्रचुर मात्रा में क्लोरोफिल भी होता है जिसकी शरीर को आवश्यकता होती है। अगर हम गेहूं के आटे के फायदे या इससे शरीर में होने वाले बदलावों की बात करें तो यह रक्त संबंधी समस्याओं को कम कर सकता है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकता है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद बात यह है कि इस गेहूं के अनाज को 2 साल से अधिक उम्र के बच्चे भी पी सकते हैं। गेहूं की भूसी का रस बाजार से पाउडर के रूप में लिया जा सकता है या घर पर बनाया जा सकता है। रोज सुबह गर्म पानी में दो चम्मच चूर्ण मिलाकर पीने से शरीर को अलग ही ऊर्जा मिलती है।


अब अगर आपके मन में यह सवाल है कि हम किसान नहीं हैं जो पौधे लगाना नहीं जानते तो यह विधि जान लीजिए सबसे पहले सात दिनों के लिए सात गमले लें और तालाब में अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी और खाद डालें। गेहूं को एक रात के लिए भिगोकर अगले दिन इस टंकी में रख दें, इसके ऊपर फिर से थोड़ी मिट्टी डालें, थोड़ा पानी डालकर इसे थोड़ा गीला कर लें, फिर टंकी को कपड़े से ढककर कुछ दिनों के लिए छोड़ दें। कुछ दिनों के बाद कपड़े को टब से निकालकर कुछ घंटों के लिए धूप में रख दें। अब रोजाना इसका जूस निकालें और इसे मिक्सर में पीसकर जूस बना लें।


(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें)

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