आज देश में हर किसी के पास बैंक खाता है। बैंक खाते कई प्रकार के होते हैं. उनमें से एक बचत खाता है. ये वो अकाउंट है जो सबसे ज्यादा खोला जाता है। आमतौर पर लोग अपनी बचत बचत खातों में रखते हैं। आप जितने चाहें उतने बचत खाते खोल सकते हैं।
इतना ही नहीं Saving Account सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने की भी कोई सीमा नहीं है। यानी आप बचत खाते में जितना चाहें उतना पैसा जमा कर सकते हैं। बचत खाते में पैसा जमा करने पर आयकर या बैंकिंग नियमों द्वारा कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
हां, यह आवश्यक है कि यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो बैंक आयकर विभाग को सूचित करेगा। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 285BA के अनुसार, बैंकों के लिए यह जानकारी प्रदान करना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आप बचत खाते में रखे पैसे को आईटीआई की जानकारी में शामिल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग आपको नोटिस जारी कर सकता है।
ITR आईटीआर दाखिल करते समय करदाताओं को अपने बचत खाते में जमा राशि की जानकारी देनी चाहिए। आपके बचत खाते में जमा राशि पर अर्जित ब्याज आपकी आय में जोड़ा जाता है और ब्याज पर आयकर लगाया जाता है। बैंक ब्याज पर 10 फीसदी TDS टीडीएस काटता है। बचत खाते से मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के अनुसार, सभी व्यक्तियों को 10,000 रुपये तक की कर छूट मिल सकती है।
अगर सेविंग अकाउंट में रखे रुपयों पर ब्याज 10,000 रुपये से कम है तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। 60 साल से अधिक उम्र के खाताधारक को 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की बचत खाते से ब्याज कमाने के बाद सालाना आय इतनी नहीं है कि उस पर टैक्स देनदारी बने तो वह फॉर्म 15जी जमा करके बैंक द्वारा काटे गए टीडीएस का रिफंड पा सकता है।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) RRR
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