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गन्ना, मक्का, सड़े आलू, सड़ी सब्जियों पर गाड़ियाँ कैसे चलेंगी?



यह तो आप सभी जानते हैं कि ईधन के मामले में गाड़ियां चार प्रकार की होती हैं, जो आमतौर पर डीजल, पेट्रोल, सीएनजी और बैटरी से चलती हैं। लेकिन अगर मैं आपको कहूं कि अब गाड़ियां गन्ने की खुईया से, मक्का, सड़े, आलू और सड़ी सब्जियों से चलेगी तो शायद आपको विश्वास ना हो।

गन्ना, मक्का, सड़े आलू, सड़ी सब्जियों पर गाड़ियाँ कैसे चलेंगी?

एथेनॉल 100 भारत में कब चालू लिया जायेगा?


तो आपको बता दें हाल ही में केंद्र सरकार ने एथेनॉल 100 नाम का एक फ्यूल लॉन्च कर दिया है। इसे केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने लॉन्च किया है। जिसके बाद एथेनॉल 100 की बिक्री 183 पेट्रोल पंप पर शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि 15 अप्रैल तक 400 पेट्रोल पंपों पर एथेनॉल 100 की बिक्री शुरू हो जाएगी। इसमें महाराष्ट्र, यूपी, तमिलनाडु और कर्नाटक में 100-100 पेट्रोल पंपों से बिक्री शुरू की जाएगी। 

benefits of mixing ethanol in petrol

आपको बता दें एथेनॉल को एथिल अल्कोहल के रूप में जाना जाता है। यह एक बायोफ्यूल है जिसे मक्का, गन्ना, गेहूं और एग्री क्रॉप के पौधों के कंटेंट से तैयार किया जाता है। इसके उपयोग से हर लीटर ईधन पर 20 ₹ तक की बचत होगी। 

इससे क्या वास्तव में हमें कोई फायदा मिल सकता है इससे पहले जानते हैं ?

एथेनॉल होता क्या है ?


दरअसल एथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल है। जिसे पेट्रोल के साथ मिलाकर वाहनों में ईधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है। एथेनॉल का उत्पादन ऐसे तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है। इसको स्टार्च कंटेनिंग मटेरियल जैसे मक्का, सड़े, आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है। वै वैसे तो एथेनॉल का मुख्य स्रोत गन्ना है लेकिन इसे और भी कई चीजों से तैयार किया जा सकता है। इसमें खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होगा। क्योंकि इस तरह की कारें पर्यावरण के अनुकूल होंगी। एथेनॉल आधारित ईधन का उपयोग जितना बढ़ेगा उतना ही प्रदूषण कम होगा और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी इकॉनमी को भी ताकत मिलेगी। 

एथेनॉल 100 क्या है?


अगर बात करें एथेनॉल 100 की तो इसमें 92 से 94 फीसदी एथेनॉल 4 से 5 फीसदी मोटर स्पिरिट और 1.5 फीसदी सॉल्वेंट हाईयर रेटेड अल्कोहल का मिश्रण है। यह पेट्रोल का एक स्वच्छ और हरित विकल्प है। यह ईधन ग्रीन हाउस गैसों का कम उत्सर्जन करता है। जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और वायु प्रदूषण में सुधार करने में मदद करता है। वहीं एथेनॉल 100 गाड़ियों के लिए भी अच्छा माना जा रहा है। यह गाड़ियों की इंजन क्षमता को बेहतर करता है। 

आइए अब जानते हैं कि पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से क्या फायदे हो सकते हैं ?


दरअसल पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पेट्रोल के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इसके प्रयोग से वाहन 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं। सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी एथेनॉल कम करता है। एथेनॉल में मौजूद 35 फीसदी ऑक्सीजन के चलते यह फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है। एथेनॉल मिलावट वाले पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होती है और अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है। जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है। 

एथेनॉल 100 की जरूरत क्यों पड़ी?


अब हमारे लिए यह जान लेना भी जरूरी है कि कि हमें एथेनॉल 100 की जरूरत क्यों पड़ी तो आपको बता दें कि मौजूदा समय में इस्तेमाल होने वाले अधिकतर ईधन पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं एथेनॉल इको फ्रेंडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईधन से होने वाले खतरों से यह सुरक्षित रखता है। इस फ्यूल को गन्ने से तैयार किया जाता है। कम लागत पर अधिक ऑक्टेन नंबर देता है और एमटी बीई जैसे खतरनाक फ्यूल के लिए ऑप्शन के रूप में काम करता है। यह इंजन की गर्मी को भी बाहर निकालता है। अल्कोहल बेस्ड फ्यूल गैसोलीन के साथ मिलकर 85 तक तैयार हो गया। कहने का मतलब एथेनॉल फ्यूल हमारे पर्यावरण और गाड़ियों के लिए सुरक्षित है। पेट्रोल और डीजल वाहन वातावरण में हानिकारक गैस रिलीज करते हैं। जो वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। 

एथेनॉल 100 का क्यों उपयोग करे?


वहीं एथेनॉल 100 पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम प्रदूषण कारी हैं। यह वाहनों से निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड यानी co2 को 80 प्र तक कम कर सकता है। वहीं दूसरी ओर यह किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत भी बन सकता है। एथेनॉल 100 से देश में रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं। यह जैव ईधन उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। जो अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगा। एथेनॉल 100 से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह पेट्रोल और डीजल के लिए एक स्वच्छ टिकाव विकल्प है। यह प्रदूषण को कम करने ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने  आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 




(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें)

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