महाशिवरात्रि भारत में सबसे बड़े और पवित्र त्योहारों में से एक है, और गुजरात के जूनागढ़ में आयोजित भवनाथ महाशिवरात्रि मेला इस पर्व का सबसे भव्य रूप है। यह मेला न केवल श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का केंद्र है, बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी बेहद खास है। अगर आप इस मेले में शामिल होने जा रहे हैं, तो जूनागढ़ और उसके आसपास स्थित इन खास स्थलों की यात्रा जरूर करें।
भवनाथ महाशिवरात्रि मेले की खास बातें
- तिथि: महाशिवरात्रि के अवसर पर हर साल आयोजित - Wed, 26 Feb, 2025
- स्थान: भवनाथ तालेटी, गिरनार पर्वत के पास, जूनागढ़, गुजरात
- मुख्य आकर्षण: साधु-संतों का आगमन, भव्य महापूजा, भजन-कीर्तन, विशाल भंडारा
- विशेषता: आधी रात में नागा साधुओं की शोभायात्रा और शिव पूजन
भवनाथ मेले में क्या करें?
- शिव पूजन और आरती – आधी रात को विशेष पूजा और मंत्रोच्चार के साथ मेले का माहौल भक्तिमय हो जाता है।
- नागा साधुओं के दर्शन – यहां देशभर से आए नागा साधु भगवान शिव की आराधना करते हैं।
- भंडारे का आनंद लें – श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त में भोजन वितरण किया जाता है।
- स्थानीय हस्तशिल्प और प्रसाद खरीदें – यहां मिलने वाले प्रसाद और स्थानीय वस्तुएं अनोखी होती हैं।
जूनागढ़ में घूमने की जगहें
1. गिरनार पर्वत और रोपवे
- गिरनार पर्वत धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा संगम है। यहां जैन और हिंदू मंदिर हैं।
- गिरनार रोपवे – अब आप 10,000 से अधिक सीढ़ियों के बजाय रोपवे के जरिए आसानी से गिरनार पर्वत पर पहुंच सकते हैं।
2. दामोदर कुंड
- मान्यता है कि यह पवित्र कुंड गंगा, यमुना, सरस्वती सहित कई नदियों का संगम स्थल है।
- यहां स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
3. अशोक शिलालेख
- यह शिलालेख सम्राट अशोक द्वारा स्थापित किया गया था और इसमें बौद्ध धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण लेख हैं।
- इतिहास प्रेमियों के लिए यह एक बेहतरीन स्थान है।
4. ऊपरकोट किला
- यह प्राचीन किला जूनागढ़ के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
- यहाँ नीलम और मानेक तोपें, रणकदेवी पैलेस, जामा मस्जिद, और नूरी शाह का मकबरा देखने लायक हैं।
5. अड़ी कड़ी वाव, नवघन कुआं
- यह ऐतिहासिक बावड़ी और कुएं प्राचीन जल संचयन प्रणाली के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- यह बावड़ी वास्तुकला और जल प्रबंधन की पुरानी तकनीकों को दर्शाती है।
कैसे पहुंचे भवनाथ महाशिवरात्रि मेला?
हवाई मार्ग:
- नजदीकी एयरपोर्ट राजकोट (RAJ) और किशनगढ़ (JND) हैं।
-
एयरपोर्ट से जूनागढ़ तक टैक्सी या बस की सुविधा उपलब्ध है।
रेल मार्ग:
- जूनागढ़ रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग:
- गुजरात के सभी प्रमुख शहरों से जूनागढ़ तक सरकारी और प्राइवेट बसें उपलब्ध हैं।
भवनाथ महाशिवरात्रि मेले के लिए यात्रा टिप्स
✔️ अपने होटल की बुकिंग पहले से करवा लें, क्योंकि मेले के दौरान भीड़ बहुत अधिक
होती है।
✔️ मंदिरों में दर्शन के लिए सुबह जल्दी जाएं ताकि लंबी कतारों से
बचा जा सके।
✔️ गिरनार पर्वत की यात्रा के लिए आरामदायक जूते पहनें।
✔️
स्थानीय स्ट्रीट फूड और प्रसाद का आनंद जरूर लें।
✔️ सुरक्षित यात्रा के लिए
अपने सामान का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
अगर आप महाशिवरात्रि 2025 में एक अनोखा और आध्यात्मिक अनुभव लेना चाहते हैं, तो भवनाथ महाशिवरात्रि मेला आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। यह मेला न केवल भक्ति और श्रद्धा से जुड़ा हुआ है, बल्कि पर्यटन के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है। गिरनार पर्वत, दामोदर कुंड, ऊपरकोट किला और अन्य स्थल आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देंगे।
तो इस महाशिवरात्रि, जूनागढ़ में भक्ति, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने के लिए तैयार हो जाइए!
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) RRR
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