हमारी परंपरा और संस्कृति हमेशा से बेहद खास रही है। खानपान से लेकर पहनावे तक प्राचीन समय से ही हमारा अंदाज सबसे अलग रहा है। खासकर महिलाओं के परिधानों की बात ही अलग है। जिसमें बेहद विशेष है साड़ी। सदियों से ही महिलाओं के लिए साड़ी एक महत्त्वपूर्ण परिधान रहा है। तहेवार और तमाम विशेष मौकों पर महिलाएं इसे पहनकर सजती सवरती है। लेकिन बीते दिनों सोशल मीडिया पर साड़ी को लेकर एक डरावनी बात सामने आ रही है कि इससे साड़ी कैंसर हो रहा है।
साड़ी कैंसर नामक बीमारी क्या है ?
तो इसके पीछे की सच्चाई क्या है जानेंगे अपने आज इस आर्टिकल में और समझेंगे कि साड़ी कैंसर नामक बीमारी क्या है ? सबसे पहले साल 2011 में डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जनरल में इस तरह के दो केसेस की सूचना दी। उन्होंने कहा कि लगातार और लंबे समय तक कसकर साड़ी पहनने से कमर में डर्मोटोज यानी त्वचा पर घाव हो गया है। कमर में यह डर्मोटॉज घातक बीमारी का रूप ले रहा है।
स्क्वैमस सेल कैसिनोमा कैंसर क्या है ? (What is the disease called Saree Cancer?)
दरअसल साड़ी पहनने के कारण स्क्वैमस सेल कैसिनोमा कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। स्क्वैमस सेल कैसिनोमा एक प्रकार का त्वचा कैंसर है जो आपकी त्वचा की ऊपरी परत एपिडर्मिस में स्क्वेम्स कोशिकाओं के अत्यधिक उत्पादन के कारण होता है। इस तरह के कैंसर भारतीय महिलाओं में तेजी से फैल रहे हैं। यह निशान कमर पर पेटीकोट पहनने वाले सूती नारे के कारण होती है। इसके कारण कमर पर रगड़ आता है। जिसके कारण कमर पर काला निशान पड़ जाता है। आगे चलकर यह निशान स्किन कैंसर का रूप ले लेता है।
किसको ज्यादा खतरा है?
जो महिलाएं बहुत ज्यादा गर्मी में रहती हैं उन्हें यह बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। हालांकि यह केवल साड़ी तक सीमित नहीं है बल्कि कसकर पहनी जाने वाली पेटी कोट, धोती यहां तक कि जींस और बेल्ट भी इस गंभीर समस्या को बढ़ा सकती है। यह पुरानी जलन या घर्षण के संपर्क में आने से शरीर पे विकसित हो सकता है।
इसके लक्षण क्या है?
इसके लक्षण की बात करी जाए तो त्वचा पर चारों ओर लाल खुजली दार धब्बे अल्सर का बनना और कमर के पास उभरी हुई गांठे बनती दिख सकती हैं।
कैसे बचे ?
ऐसे में इससे बचाव के लिए जरूरी है कि अगर आप ज्यादातर साड़ी पहनती हैं तो त्वचा में होने वाले बदलाव पर ध्यान दें और किसी भी तरह का कोई भी बदलाव नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही बेल्ट, जींस या पेटी कोट को ढीला करके पहने और रात में एमोलिंट यानी मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगाकर कमर पर होने वाले छाले और दर्द को कम कर सकते हैं।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि साड़ी सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं बनती है। ऐसा कमर के आसपास कोई भी टाइट चीज पहनने के कारण हो सकता है। इसीलिए साड़ी कैंसर शब्द भ्रामक हो सकता है।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) Share
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