अक्सर बरसात के मौसम में लोगों को नींद ज्यादा आती है और थकान भी बनी रहती है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल तो जरूर उठता होगा कि आखिर बारिश होने के साथ ही नींद और थकान भी क्यों बढ़ जाती है ?
बरसात के दिनों में थकान और नींद आने का एक मुख्य कारण सूरज की रोशनी की कमी है। विटामिन डी की कमी का मतलब है ऊर्जा का स्तर कम होना।
दरअसल सूरज की रोशनी की कमी मौसमी भावात्मक विकार से जुड़ी है। जिसमें व्यक्ति मौसम में बदलाव के कारण असामान्य रूप से उदास महसूस करता है। सूर्य के प्रकाश के कम संपर्क में रहने से ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके शरीर की ऊर्जा खत्म हो रही है। और आप एक आलसी व्यक्ति की तरह हो गए हैं। जिसने अभी-अभी दो पौष्टिक भोजन एक साथ खाए हो। यह भावनाएं आमतौर पर मौसम बदल के साथ ही दूर हो जाती है और इन्हें हाइड्रेटेड रहने रक्तचाप को नियंत्रित रखने टहलने आदि जैसे चीजों को करने से ठीक भी हो जाती है। हालांकि निराशा और अवसात की भावना लगातार बनी रहती है। और बरसात और सर्दियों के दिनों में और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
तो इन भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक चिकित्सक से बात करने की सिफारिश की जाती है। ताकि आपको तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके।
वहीं आप कुछ जरूरी तरीकों से भी इस थकान को दूर कर सकते हैं। जैसे कि हाइड्रेटेड रह, पानी पीते रह, भले ही आपको एक घंटे में 10 बार शौचालय जाना क्यों ना पड़े। जरूरी झपियां लें, एक बच्चे की तरह हमारा शरीर भी हमें संकेत देता है कि उसे क्या चाहिए और क्या नहीं।
अगर सामान्य थकान आपको थका रही है और आप सिर्फ अपने बिस्तर और कंबल के बारे में सोच रहे हैं तो थोड़ी देर के लिए झपकी ले लें। वहीं कुछ ताजे फल और सब्जियां खाएं लेकिन जंक फूड से अपनी दूरी बना कर रखें। साथ ही साथ जब बारिश बंद हो या हल्की बारिश हो रही हो तो टहलने चले जाएं। शारीरिक गतिविधि आपके शरीर को ऊर्जा देगी और सेरोटोनिन के स्तर को कम करने में आपको मदद जरूर करेगी।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) Share
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